Monthly Archives:: April 2020

तुमने और तुम्हारी पुस्तकों ने सत्य कहा, पर मैंने कहा यथार्थ।

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तुमने और तुम्हारी पुस्तकों ने सत्य कहा। पर मैंने कहा यथार्थ। सत्य अपनी प्रतिच्छाया से सदा कम्पित रहता है कि न जाने कब कौन सा सत्य झूठ साबित हो जाए ? पर यथार्थ का कभी किसी काल में कोई विकल्प नहीं होता। इसीलिए यथार्थ , सदा यथार्थ ही रहता है। तुम्हारे द्वारा प्रदत्त अपमान, अपशब्द, […]

अपनी इक्षा मात्र से इस जगत का संचालन करना- महादेव श्रीकेदारनाथ जी

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आज से, तुम्हारे सामने पड़ते ही, तुम उन सभी को पहचान जाओगे जिनके बारे में तुम जानने की इक्षा करोगे। आज के बाद, इस धरती का हर तंत्र तुम्हारे सामने रेत की भांति धराशायी हो जाएगा। तुम अपनी इक्षा मात्र से इस जगत का संचालन कर सकोगे और इस जगत में सभी जन्मी – अजन्मी […]