Monthly Archives:: April 2012

“माँ कामाख्या” की शंख ध्वनि न सुनने से “मूल प्राकृतिक शक्तियां” क्रुद्ध और उग्र होती जा रही हैं।

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“माँ कामाख्या” (सती─भगवान् शिव की प्रथम अर्धनारी, शक्ति) की शंख ध्वनि न सुनने से “मूल प्राकृतिक शक्तियां” (दसों महाविद्द्याएं─माँ कामाख्या के दस रूप) क्रुद्ध और उग्र होती जा रही हैं।                          सावधान ! सावधान !!   सावधान !!! हम पूर्व नियोजित कार्यक्रम अनुसार हैदराबाद (दक्षिण भारत) में अपना अल्प प्रवास पूरा कर 19 मार्च 2012 को […]